According to the ancient wisdom of Ayurvedic India, it is the method of evaporation. In this disease, the decoction of Ayurvedic medicines (an Ayurvedic herbal remedy) is prepared and put in the incision machine. After that, the steam is prepared by the pipe (pulse) on the patient's disease affected organ. In which patient feels comfortable immediately in pain. The patient feels refreshing by increasing blood circulation by pulse steam therapy.
यह भारत के प्राचीनतम ज्ञान आयुर्वेदिक के अनुसार – वाष्पस्वेदन विधि है| इसमें रोगानुसार आयुर्वेदिक औष-विधियों का काढ़ा ( एक आयुर्वेदिक हर्बल रेमेडी ) तैयार करके उसको वाष्पस्वेदन यंत्र में डालते है| फिर उसमे भाप तैयार करके रोगी के रोग प्रभावित अंग पर पाइप ( नाड़ी ) द्वारा स्वेदन कर्म ( सेक ) किया जाता है| जिसमे रोगी दर्द में तुरंत आराम महसूस करता है| नाड़ी स्टीम थैरेपी द्वारा रक्त संचार बढ़ने से रोगी ताजगी महसूस करता है|